| 1. | संपूरक आहार दिन में 5-6 बार खिलायें।
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| 2. | संपूरक आहार तैयार करते तथा खिलाते समय स्वस्थ प्रक्रियाएँ
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| 3. | संपूरक आहार प्रारंभ करने में कोई विलंब न करें।
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| 4. | छोटे बच्चोंके लिये पर्याप्त तथा समुचित संपूरक आहार की व्यवस्था करके
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| 5. | 4-6 महीने की आयु से ही शिशुओं को संपूरक आहार खिलाना प्रारंभ करें
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| 6. | फोर्टिफाइड संपूरक आहार शुरुआती बचपन में बढ़ती पोषण जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
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| 7. | मैं तो यही कहूंगी कि संपूरक आहार के काॅन्सैप्ट को जानना मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा।
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| 8. | स्तनपान के साथ साथ संपूरक आहार एक कारगर तरीका है जिससे बढ़ते बच्चे की पोषण संबंधी आवश्यकताएं सुनिश्चित तौर पर पूरी की जा सकती हैं।
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| 9. | जब आप संपूरक आहार देना आरंभ करें तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है उस आहार से आपके बच्चे को सभी पौष्ठिक पदार्थ मिलें जिनकी उसे जरूरत है।
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| 10. | संपूरक आहार की विविधता का एक अन्य लाभ यह है कि इससे शिशु की स्वाद ग्रंथियां जाग्रत होती हैं जो कि इस उम्र में तेजी से विकसित होती हैं।
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